उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश पर किया जा रहा सेनिटाइज, केन्द्र सरकार के संदेश पर भी गंभीर नहीं हुई उत्तराखंड सरकार
नजीबाबाद। नोवल कोरोना वायरसको लेकर केन्द्र सरकार काफी गंभीर है परंतु केन्द्र सरकार की ओर से सभी प्रदेशों को पलायन रोकने के संदेश का उत्तराखंड सरकार पर कोई प्रभाव होता दिखायी नहीं दिया।
जिस कारण रविवार देर शाम तक उत्तराखंडसे उत्तर प्रदेश में पलायन कर पहुंचने वालों के आगमन का सिलसिला नहीं थमा। हालांकि स्थानीय प्रशासन व पुलिस की मुस्तैदी से उत्तराखंड से यहां पहुंचे सभी लोगों को वाहनों की व्यवस्था कर उनके गंतव्यों तक भेज दिया गया। जिसकी वजह से रोडवेज बस स्टैन्ड पर सन्नाटा पसरा दिखायी दिया। नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र दामोदर दास मोदी सरकार काफी गंभीर है। सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से सभी देशों को उक्त वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने के परामर्श को लेकर विगत चार दिनों से देश भर में 21 दिनों के लाकडाउन को जारी रखे हुए है। केन्द्र सरकार बार-बार विभिन्न राज्यों की सरकारों को जो जहां है, वहीं रोके रखने के निर्देश जारी करती चली आ रही है।
अब केन्द्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि यदि किसी राज्य से भी नागरिक पलायन करते हैं तो इसके लिए उस जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार माना जाएगारविवार की देर शाम तक उत्तराखंड में कारखाने व प्रतिष्ठान बंद होने के बाद भूख व धनाभाव से परेशान मजदूर पेशा लोग पलायन कर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते रहे हैं। हालांकि लाकडाउन के दौरान उत्तराखंड के निकटवर्ती उत्तरप्रदेश के जिला बिजनौर के जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी स्वयं पूरे जिले की मानिटरिंग कर रहे हैं, साथ ही दोनों अधिकारी जिले भर में भ्रमण कर हर स्थिति पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। उत्तराखंड हरिद्वार के चिडियापुर और कोटद्वार कौडिया बार्डर को पार कर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों को उक्त उच्च अधिकारियों के निर्देशन में कार्य करने वाले प्रशासनिक विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग समेत अनेकों विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उनको रोककर सामाजिक संस्थाओं तथा मदद करने के लिए आगे आने वाले समाजसेवियों के माध्यम भोजन आदि की व्यवस्था कराने के बाद गंतव्यों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं।