मेरठ नगर निगम के मालिक बने सरकारी अफसर नौकरी करते हैं नगर निगम में मगर अपने समय से पहले मुख्यालय भी छोड़ देते और सुबह को आते हैं 12:00 से 1:00 के बीच
मेरठ नगर निगम के अधिकारी अधिशासी अभियंता नीना सिंह सहायक अभियंता नानक चंद वह राजेंद्र कुमार सहारनपुर प्रदीप सहारनपुर और सहायक अभियंता नानक चंद नोएडा से मेरठ नगर निगम नौकरी पर आते हैं और नौकरी की जगह करते हैं नगर निगम से खिलवाड़ जैसा कि मुख्यालय छोड़ देते हैं लगभग 3:00 बजे 4:00 बजे और सुबह को आते हैं 12:00 बजे 1:00 बजे
मेरठ नगर निगम अधिशासी अभियंता फाइल पास करने के लिए ठेकेदारों फाइल यूपी नगर निगम ऑफिस में पास होनी चाहिए वह अधिशासी अभियंता मीना सिंह अपने आवास पर मंगाकर डिस्कस करती है और आपको यह भी बता दो उत्तर प्रदेश सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं है जो कि मुख्यालय छोड़ा जा सके आप जो रिकॉर्डिंग सुन रहे हैं उसमें सहायक नगर आयुक्त इन चारों अधिकारियों को बचाने में उतरे उतर गए हैं
मेरठ नगर निगम के नगर आयुक्त अपने अधिकारियों की खबर चलते के साथी फोन उठाना बंद कर दिया ऐसा प्रतीत होता है कि नगर आयुक्त अपने अधिशासी अभियंता व अभियंताओं को बचाने के लिए के लिए अपना फोन नहीं उठा रहे हैं अगर इसको फूल भी देखा जाए तो अगर इनसे अन्य मामलों में भी बातचीत की जाए तो अन्य घोटाले खुल सकते हैं लेकिन यह फोन नहीं उठाते
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को बदनाम करने में लग गए हैं यह नगर निगम के अधिकारी अधिशासी अभियंता नीना सिंह नानक चंद सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह और प्रदीप क्योंकि इनको रोज अपने घर पर जाना होता है उत्तर प्रदेश सरकार का कोई ऐसा आदेश नहीं कि आप जो है 3:00 बजे मुख्यालय छोड़ दे यार 12:00 बजे ड्यूटी पर जाना क्या 3 घंटे की ड्यूटी करेंगे यह सरकारी अफसर
यह बात तो सही है उपभोक्ता का काम समय पर नहीं होता क्योंकि अक्सर गायब होता है अपनी सीट से जनता रोज परेशान होकर घर चली जाती है
जब हमारे संवाददाता ने मुकेश कुमार कुमार से पूछा और उसके साथ तीन बंदे थे एक सावित्री देवी थी एक नूरजहां थी एक शिप्रा देवी थी उनसे पूछा गया कि आपका क्या काम है तो उन्होंने कहा मैं 10 दिन से परेशान हूं लगातार निगम के चक्कर काट रही हूं कोई भी अफसर अपनी सीट पर नहीं मिलता जैसा कि आप ऑडियो में सुन रहे हैं अब सर कह रहे हैं हम तो ऐसे ही जाएंगे