असमंजस में है शिमला की जनता पानी के बिलों को लेकर, जल निगम पर उठ रहे सवाल

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शहरवासी पानी के बिलों को लेकर एक साल बाद भी असमंजस की स्थिति में है. एक साल बीत जाने के बाद भी शहर के अधिकतर पेयजल उपभोक्तायों को पानी के बिल नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे शहरवासियों में पानी के बिलों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।




पानी के बिलों को लेने के लिए निगम कार्यालय के बाहर लोगों की लम्बी कतारें भी देखी जा सकती हैं, लोगों का कहना है की पानी के बिलों को लेकर ऑनलाइन देने के लिए नगर निगम और शिमला जल प्रबंधन निगम बड़े बड़े दावे करता है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें पानी के बिल नहीं मिल पा रहे हैं।


इससे पेयजल उपभोक्तायों को पानी के बिल देने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. लोगों को पानी के बिल न मिलने से निगम के ऑनलाइन बिल देने और मीटर रीडिंग देने के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

पानी के बिल मीटर रीडिंग और ऑनलाइन न मिलने पर जल प्रबंधन निगम के सीईओ धर्मेन्द गिल ने बताया कि मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्स किया है, जिसका डाटा अभी निगम से लिया जा है इसके बाद ही पानी के बिल ऑनलाइन ही दिया जा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अब तक शहर में पानी के सभी प्रकार के बिल फ़्लैट रेट पर ही दिए जा रहे थे लेकिन अब निगम का सॉफ्टवेयर तैयार हो चूका है जल्द ही डाटा को ऑनलाइन अपलोड कर ऑनलाइन ही पानी के भरे जा सकेंगे।