बैंको की हड़ताल टली ये खबर लोगो के लिए राहत लेकर आयी है
बैंक ट्रेड यूनियनों ने 26 और 27 सितंबर को होने वाली देशव्यापी हड़ताल दो दिन के लिए टाल दी है। देश भर की बैंक यूनियनों ने 10 बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। यह हड़ताल यूनियन लीडर्स और वित्त सचिव राजीव कुमार के बीच हुई बैठक के बाद टली दी गयी है। इस मामले में बैंक यूनियनों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से लिया है और उस विचार करने का आश्वासन भी दिया है।
गौरतलब है कि बैंक ऑफिसर्स की चार यूनियनों ने 26 सितंबर से दो दिनी हड़ताल की घोषणा की थी। यूनियन ने हड़ताल में बैंकों के विलय के विरोध के साथ ही 11वां वेतन समझौता लागू करने की मांग है।अगर हो जाती तो 26 से 29 सितंबर तक सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में नकदी का लेनदेन नहीं होता। 28 और 29 सितंबर को बैंकों में चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी। सोमवार को ही बैंक खुलेंगे, ऐसे में अगर 26 और 27 को हड़ताल हो जाती तो चार दिन तक लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती।
बैंकों के विलय का ऐलान
30 अगस्त 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के मेगा मर्जर (विलय) की घोषणा की थी। 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए गए हैं। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (डइउ) और यूनाइटेड बैंक का एक में विलय कर इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ रुपये होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को एक में मिलाकर देश का पांचवां सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 14.59 लाख करोड़ रुपये होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय कर देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 8.08 लाख करोड़ रुपये होगा। केनार बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय कर इसे देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 15.20 लाख करोड़ रुपये होगा।
घाटे से उबारने के लिए राहत पैकेज
बैंकों के विलय के साथ ही वित्त मंत्री ने इन बैंकों को घाटे से उबारने के लिए 55,250 करोड़ रुपये का राहत पैकेज भी दिया था। इसमें पीएनबी को 16000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11700 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7000 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2500 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1600 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की गई थी।