मुरादाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मुरादाबाद द्वारा 'हिन्दी पर्वोत्सव एवं सम्मान-अर्पण कार्यक्रम' का आयोजन, महाराजा हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद के सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक श्री काव्य सौरभ रस्तोगी ने की। मुख्य अतिथि डॉ० अंजू लोचब एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० अजय अनुपम, डॉ० सरिता लाल मंचासीन हुए। संचालन प्राचार्या डॉ० मीना कौल ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ कवयित्री डॉ० अर्चना गुप्ता द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से हुआ। इस अवसर पर संस्था की ओर से अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह, मान पत्र, श्रीफल भेंट कर सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' को 'साहित्य भास्कर सम्मान' एवं लोकप्रिय रचनाकार श्री राजीव 'प्रखर' को 'साहित्य दीप सम्मान' से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ० सरिता लाल व श्री वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी द्वारा श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' एवं श्रीमती मोनिका 'मासूम' द्वारा श्री राजीव 'प्रखर' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेखों का वाचन भी किया गया।
कार्यक्रम में सम्मानित साहित्यकार एवं वरिष्ठ नवगीतकार श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने काव्य-पाठ करते हुए कहा -
"तन के भीतर बसा हुआ है,
मन का भी इक गांव।
बेशक छोटा है लेकिन यह,
झांकी जैसा है।
जिसमें अपनेपन से बढ़कर,
बड़ा न पैसा है।
यहां सिर्फ सपने ही जीते,
जब-जब हुए चुनाव।"
सम्मानित रचनाकार राजीव 'प्रखर' ने काव्य-पाठ करते हुए कहा -
"फिर नैनों में बस गये, कर दी नींद खराब।
कितने धोखेबाज़ है, दो रोटी के ख़्वाब।"
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० अजय 'अनुपम' ने अपने उद्बोधन में कहा कि "भारतीय साहित्य की परंपरा में रचनाकारों का विशेष योगदान रहा है। भारतीय साहित्यकारों ने अपने सृजन के माध्यम से समाज को उन्नति की ओर ले जाने में बहुत योगदान किया है। नई पीढ़ी इसे अवश्य आगे बढ़ायेगी, ऐसी आशा की जा सकती है।"
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री काव्य सौरभ रस्तोगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "वर्तमान में साहित्यकारों की विकास एवं उन्नयन में सोशल मीडिया की अहम भूमिका है। इसकी सकारात्मक प्रभाव समाज को निश्चित ही लाभ पहुँचा सकते हैं।"
तत्पश्चात् इस अवसर पर उपस्थित स्थानीय रचनाकारों द्वारा भी काव्य-पाठ किया गया।
कार्यक्रम में श्री अशोक विश्नोई, श्री फक्कड़ मुरादाबादी, डॉ० मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल, डॉ० चन्द्रभान सिंह, रवि चतुर्वेदी, अशोक विद्रोही, डॉ० मीरा कश्यप, रश्मि प्रभाकर, हेमा तिवारी, ईशांत शर्मा, आवरण अग्रवाल, ए०के० आनंद आदि उपस्थित रहे।
डॉ० प्रेमवती उपाध्याय द्वारा आभार अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद मुरादाबाद द्वारा 'हिन्दी पर्वोत्सव एवं सम्मान-अर्पण कार्यक्रम' का आयोजन, महाराजा हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद के सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक श्री काव्य सौरभ रस्तोगी ने की। मुख्य अतिथि डॉ० अंजू लोचब एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० अजय अनुपम, डॉ० सरिता लाल मंचासीन हुए। संचालन प्राचार्या डॉ० मीना कौल ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ कवयित्री डॉ० अर्चना गुप्ता द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से हुआ। इस अवसर पर संस्था की ओर से अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह, मान पत्र, श्रीफल भेंट कर सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' को 'साहित्य भास्कर सम्मान' एवं लोकप्रिय रचनाकार श्री राजीव 'प्रखर' को 'साहित्य दीप सम्मान' से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ० सरिता लाल व श्री वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी द्वारा श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' एवं श्रीमती मोनिका 'मासूम' द्वारा श्री राजीव 'प्रखर' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेखों का वाचन भी किया गया।
कार्यक्रम में सम्मानित साहित्यकार एवं वरिष्ठ नवगीतकार श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने काव्य-पाठ करते हुए कहा -
"तन के भीतर बसा हुआ है,
मन का भी इक गांव।
बेशक छोटा है लेकिन यह,
झांकी जैसा है।
जिसमें अपनेपन से बढ़कर,
बड़ा न पैसा है।
यहां सिर्फ सपने ही जीते,
जब-जब हुए चुनाव।"
सम्मानित रचनाकार राजीव 'प्रखर' ने काव्य-पाठ करते हुए कहा -
"फिर नैनों में बस गये, कर दी नींद खराब।
कितने धोखेबाज़ है, दो रोटी के ख़्वाब।"
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० अजय 'अनुपम' ने अपने उद्बोधन में कहा कि "भारतीय साहित्य की परंपरा में रचनाकारों का विशेष योगदान रहा है। भारतीय साहित्यकारों ने अपने सृजन के माध्यम से समाज को उन्नति की ओर ले जाने में बहुत योगदान किया है। नई पीढ़ी इसे अवश्य आगे बढ़ायेगी, ऐसी आशा की जा सकती है।"
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री काव्य सौरभ रस्तोगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "वर्तमान में साहित्यकारों की विकास एवं उन्नयन में सोशल मीडिया की अहम भूमिका है। इसकी सकारात्मक प्रभाव समाज को निश्चित ही लाभ पहुँचा सकते हैं।"
तत्पश्चात् इस अवसर पर उपस्थित स्थानीय रचनाकारों द्वारा भी काव्य-पाठ किया गया।
कार्यक्रम में श्री अशोक विश्नोई, श्री फक्कड़ मुरादाबादी, डॉ० मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल, डॉ० चन्द्रभान सिंह, रवि चतुर्वेदी, अशोक विद्रोही, डॉ० मीरा कश्यप, रश्मि प्रभाकर, हेमा तिवारी, ईशांत शर्मा, आवरण अग्रवाल, ए०के० आनंद आदि उपस्थित रहे।
डॉ० प्रेमवती उपाध्याय द्वारा आभार अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।