अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले का बचाव करते हुए सरकार ने मुस्लिम बहुल कश्मीरी राजनीतिक दलों को इस कदम का लगातार विरोध करने के लिए फटकार लगाई है. सरकार द्वारा जारी एक बुकलेट में अपने फैसले के पीछे के कारणों को बताते हुए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान के समय पर सवाल उठाया, जब भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर हमला किया था.
- बुकलेट में कहा गया, "दरअसल, यह अनुच्छेद 370 को खत्म करने का विरोध है, जिसे मुस्लिम बहुल कश्मीरी राजनीतिक दल साझा करते हैं." इसमें आगे कहा गया, "उनके लिए यह मामले को लेकर भी दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस मामले में वे घाटी में अलगाववादियों के साथ समान विचारधारा रखते हैं."
सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर पर केंद्र के फैसले के विरोध में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती की भी आलोचना की.